featured post

एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

Thursday 11 June 2015

जीत का मूलमंत्र

4 comments:
जीवन में कुछ अर्थपूर्ण करे
सपनों को अपने पूर्ण करे
जीवन के है अपने कुछ नियम
पालन से सफल होगा जीवन

एक लक्ष्य का करो निर्धारण
जिसका हो बार बार मनःउच्चारण
समय सीमा भी कर लो तय
और मन में कर लो दृढ़निश्चय

समर्पण और अनुशासन से
लक्ष्य की ओर बढ़ते ही जाना
दर्द और कठिनाई में
तुम ना कभी पीठ दिखाना

बड़ा है अगर लक्ष्य तो
छोटे टुकड़ों में लो बाँट
समय की पाबंदियाँ
इन पर भी रखो साथ

हर छोटे लक्ष्य की प्राप्ति पर
खुद को भी सम्मानित कर लो
थोड़े देर ही सही पर
ज़िंदगी में उमंग भर लो

धीरे धीरे जीतना तुम्हारी आदत होंगी
सफलता में फिर ना कोई बाधक होंगी
बेझिझक अब कर दो इसकी शुरुआत
जीत के मूलमंत्र का उठा लो अब लाभ

Friday 24 April 2015

सियासी साजिशें

No comments:
इन सियासत के गलियारों ने,
इंसानों को बाँट दिया
इनकी सियासी साजिशों ने
इंसानियत का गला काट दिया

सियासी साजिशों की
बहुत गहरी है जड़े
धरती के कई कोनों में
अभी भी बिखरी है धड़े

मौत के खेल की
कैसी है ये आजमाइश
धरती को लाल देखने की
जैसे किसी ने की हो फरमाइश

महज एक सियासी जीत के लिए
बलि चढ़ गई हजारों की
नफरत की दीवार खड़ी हो गई
दो इंसानों के बीच पहाड़ों सी

डरता हूँ नफरत की आग
कहीं इतनी ना फ़ैल जाय
इंसानियत तो निगल ही रहा
कही दुनिया ना निगल जाय 

Monday 12 January 2015

भ्रष्टाचार का जाल

1 comment:
आओ सुनाऊँ देश का हाल 
कैसा बिछा यहाँ भ्रष्टाचार का जाल 
एक बार मै बनवाने गया प्रमाण पत्र निवास 
बाबु बोला निकाल रूपये पचास 
मिनटों में निवास तुम्हारे हाथ होगा 
चक्कर काटने वाली ना कोई बात होगा 
मैंने कहा मेरे दिए टैक्स से मिलती है तुम्हे तनख्वाह 
क्यों परेशान कर रहे हो मांग कर रूपये बेवजह 
गुस्से में उसने बोला तुम मुझको सिखा रहे हो 
रिश्वत का बना नियम यहाँ, क्यों अपनी मति लगा रहे हो 
अगर नहीं मिला मुझको रूपये पचास 
कूड़ेदान में जायेगी तुम्हारी आवेदन निवास 
मैंने कहा तुम्हारी अधिकारी से करूँगा शिकायत 
फिर बैठेगी तुमपर पंचायत 
उसने कहा एक हिस्सा अधिकारी को भी जाता है 
वही तो हमको वसूली का टारगेट बताता है 
मैंने कहा आपने अभी जो बात कही है 
उसकी एक विडियो बन गई है 
हाथ जोड़कर खड़ा हो गया सामने 
गिडगिडाते लगा माफ़ी मांगने 
पांच मिनट में सील और साइन करा लाया 
निवास को थरथराते मेरे हाथ थमाया 

Tuesday 6 January 2015

आओ पहल करे

No comments:
किसी रूठे को मनाने का, किसी का बिगड़ी बनाने का
कोई रोते को हँसाने का, किसी भूखे को खिलाने का
थोड़ा ही सही, पर कुछ तो चहल करे
आओ पहल करे, आओ पहल करे

किसी का दर्द मिटाने का, अनपढों को पढ़ाने का
किसी को न्याय दिलाने का, बेवजह मुस्कुराने का
छोटा सा ही सही, पर प्रयास सफल करे
आओ पहल करे आओ पहल करे

धर्म और जात पात का, भाषा और क्षेत्रवाद का
अमीर और गरीब का, अपने अच्छे नसीब का
अहं को छोड़कर,झगडो को खतम करे
आओ पहल करे, आओ पहल करे

छत नहीं है जिसके पास, सोता जो खुले आकाश
कपकपाती ठण्ड में, कम्बल की जिसको है आस
रैन बसेरो का प्रबंध कर, कुछ की समस्या तो हल करे
आओ पहल करे, आओ पहल करे