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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

Wednesday 27 June 2012

कब तक युहीं सोये रहोगे (How long will You sleep)

कब तक युहीं सोये रहोगे
पुरानी यादों में खोये रहोगे

अब तो जाग जाओ
अब तो होश में आओ
देश क़ुरबानी मांग रहा है
तेरी ये जवानी मांग रहा है
कब तक युहीं सोये रहोगे
पुरानी यादों में खोये रहोगे

सच्चाई का गला घोटकर
लुट रहे है इसे अपने ही वतनवाले
देश बचाने के लिए निकले
कहाँ चले गए वो कफ़नवाले
कब तक युहीं सोये रहोगे
पुरानी यादों में खोये रहोगे

तेरी जरुरत है आन पड़ी
देश बचाने की समस्या है सामने खड़ी
तू जाग और सबको जगा
मिले सम्पूर्ण आज़ादी ऐसी क्रांति ला
कब तक युहीं सोये रहोगे
पुरानी यादों में खोये रहोगे


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