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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

Monday 4 June 2012

वीर तुम कहलाओगे (You will be called warrior )

कांच के जैसे सीने से
तुम मंजिल कैसे पाओगे

पत्थर सा सीना कर
तुम हर हाल में जीत जाओगे

कायरो सा जीना नहीं
अन्याय को मत सहनकर
लड़ते हुए गई जान अगर
तो शहीद तुम कहलाओगे

रखेंगे लोग याद तुझे
अमर तुम बन जाओगे

उठा हथियार अपनी
दुश्मनों का सर कलमकर
जीत गए तुम अगर
तो वीर तुम कहलाओगे

होगी चारो ओर तुम्हारी बाते
तुम प्रसिध्दि पाओगे

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