आँखों में कोई सपना ना हो, तो जीने का मज़ा क्या है ?
सपने के लिए बरबाद हुए, तो इसमें खता क्या है ?
लोग कहते है पागल मुझे, मेरे हालात पर हँसते हुए
इस पागल ने कुछ कर दिखाया नहीं, तो जीने का मज़ा क्या है ?
यूँ तो दर्द में आँसू निकल आते है सबके
पर दर्द में मुस्कुराया नहीं, तो जीने का मज़ा क्या है ?
यहाँ तो सब ही जीते है अपने ही लिए
दूसरों का दर्द भुलाया नहीं, तो जीने का मज़ा क्या है ?
थम जाती है साँसे हर रोज हजारों के, कुछ लोग होते है जनाजे के लिए
अपनी मैय्यत पर लाखो को रुलाया नहीं, तो जीने का मज़ा क्या है ?
सपने के लिए बरबाद हुए, तो इसमें खता क्या है ?
लोग कहते है पागल मुझे, मेरे हालात पर हँसते हुए
इस पागल ने कुछ कर दिखाया नहीं, तो जीने का मज़ा क्या है ?
यूँ तो दर्द में आँसू निकल आते है सबके
पर दर्द में मुस्कुराया नहीं, तो जीने का मज़ा क्या है ?
यहाँ तो सब ही जीते है अपने ही लिए
दूसरों का दर्द भुलाया नहीं, तो जीने का मज़ा क्या है ?
थम जाती है साँसे हर रोज हजारों के, कुछ लोग होते है जनाजे के लिए
अपनी मैय्यत पर लाखो को रुलाया नहीं, तो जीने का मज़ा क्या है ?