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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

Wednesday 20 June 2012

ज़िन्दगी एक पहेली है (Life is a puzzle)

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ज़िन्दगी एक पहेली है
समझ जाओ तो एक सहेली है

सुख और दुःख दो साथी है
मस्ती में जियो तो एक झाकी है
गम के बाद ख़ुशी तो आनी होती है
हर ज़िन्दगी की अपनी एक कहानी होती है

ज़िन्दगी एक पहेली है
समझ जाओ तो एक सहेली है

बुरे दिनों में रुलाती है
तो अच्छे दिनों  में हसाती है
समय समय  में तडपाती है
तो कभी कभी मुस्कुराती है

ज़िन्दगी एक पहेली है
समझ जाओ तो  एक सहेली है

पाठ नए नए पढ़ाती है
हमेशा कुछ नया सिखाती है
कभी पुरानी यादे ताजा कर जाती है
तो कभी भविष्य की चेतावनी दे जाती है

ज़िन्दगी एक पहेली है
समझ जाओ तो एक सहेली है




पर खुद को बदलने से मै डरता हु (I have been afraid of changing myself)

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दुनिया  बदलने की ख्वाहिश मै रखता हु
पर खुद को बदलने से मै डरता हु

परिवर्तन तो तब आएगा
जब ऐशो आराम की ज़िन्दगी को छोड़ा जायेगा
दर्द के साथ जीना होगा
हर गम को पीना होगा

दुनिया  बदलने की ख्वाहिश मै रखता हु
पर खुद को बदलने से मै डरता हु

ज्ञान को बढाना होगा
अज्ञानता को दूर भगाना होगा
अग्निपथ पे बढते जाना होगा
मुश्किलों से टकराना होगा

दुनिया  बदलने की ख्वाहिश मै रखता हु
पर खुद को बदलने से मै डरता हु

सादा जीवन बिताना होगा
उच्च विचार बनाना होगा
माया मोह का त्याग कर जाना होगा
सन्यास धर्म अपनाना होगा

दुनिया  बदलने की ख्वाहिश मै रखता हु
पर खुद को बदलने से मै डरता हु


Tuesday 19 June 2012

परीक्षा

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परीक्षा हमें डराती है
रातों को जगाती है

बड़ी बड़ी किताबों में छोटे छोटे नियम
रेत के ढेर में सुई ढूढने जैसे करम
पास्कल का नियम हो या न्यूटन का
ये सब कारण है हमारे घुटन का
परीक्षा हमें डराती है
रातों को जगाती है

रेखागणित समझ नहीं आता
प्रश्न हल करते वक़्त है अँधेरा छाता
इतिहास तो नहीं होता याद
आखिर किससे करे हम फरियाद
परीक्षा हमें डराती है
रातों को जगाती है

भूगोल के अक्षांश देशांश
करते है हमको परेशान
संस्कृत के शब्द है कठिनतम
जिसको याद नहीं कर पाते हम
परीक्षा हमें डराती है
रातों को जगाती है

अंग्रेजी का बोझ भारी है
क्योकि परायी भाषा ये हमारी है
हिंदी हमको प्यारी है
क्योकि मातृभाषा ये हमारी है
परीक्षा हमें डराती है
रातों को जगाती है

सोचता हु कवि बन जाऊ (I have been thinking of becoming a poet)

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जी करता है कुछ ऐसा कर जाऊ
की जग में अपना नाम कमाऊ
सोचता हु की कवि बन जाऊ
अच्छी कविताये लोगो को सुनाऊ
पर समझ नहीं आ रहा क्या लिखू
किस चीज़ के बारे में कहू
सकारात्मक लिखू या नकारात्मक
हास्यास्पद लिखू  या व्यंग्यात्मक
लिखने के लिए बहुत सारे विषय है
तेजी से बीत रहा समय है
चलो आमजन की ज़िन्दगी को चुनता हु
क्योकि इस विषय पर बहुत कम सुनता हु
नया होता है रोज इनकी ज़िन्दगी में
भले ही रहते है ये गन्दगी में
उच्च आदर्शो में ये चलते है
भले ही रोज गिरते गिरते सम्हलते है
जीवन में खूब संघर्ष ये करते है
दिनभर मेहनत करके दो वक्त का पेट भरते है

एक शाम बड़ी सुहानी थी (A evening was very pleasant )

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एक शाम बड़ी सुहानी थी
ठंडी पवन कर रही अपनी मनमानी थी

सूरज धीरे धीरे ढल रहा था
देख के उसको मेरा दिल मचल रहा था
आसमान में लालिमा छाई थी
प्रकृति सबसे सुन्दर रूप में आई थी
एक शाम बड़ी सुहानी थी
ठंडी पवन कर रही अपनी मनमानी थी

समुन्दर किनारे बैठे थे हम
दोस्तों के बीच बाँट रहे थे गम
लहरे गुनगुना रही थी
दिल में हलचल मचा रही थी
एक शाम बड़ी सुहानी थी
ठंडी पवन कर रही अपनी मनमानी थी

शुरू जब चुटकुलों का दौर हुआ
ठहाको का शोर चारो ओर हुआ
मौसम का लुफ्त उठाया हमने
जब मिलकर गीत गाया सबने
एक शाम बड़ी सुहानी थी
ठंडी पवन कर रही अपनी मनमानी थी

Monday 18 June 2012

थक कर रुकना न कभी यूँही डगर में

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थकान तो लगती है सभी को
यूँही सफ़र में
पर थककर रुकना न कभी
यूँही डगर में
मुश्किलों से भरी है राहें तेरी
पर ये बात मान ले मेरी
हथियार कभी डालना नहीं
हार कभी मानना नहीं
थकान तो लगती है सभी को
यूँही सफ़र में
पर थककर रुकना न कभी
यूँही डगर में
जो रुकता नहीं राहों में
जीत होती है उसकी बांहों में
तू हर वक़्त रह तैयार
तेरी ही ओर चलेगी हर बयार
थकान तो लगती है सभी को
यूँही सफ़र में
पर थककर रुकना न कभी
यूँही डगर में
तूफान तेरा रास्ता क्या रोक पायेगा
जब तू हिम्मत से बढ़ता जायेगा
समुन्दर की लहरे भी तेरा रास्ता न रोक पाएंगी
तेरा हौसला तेरी नाव को किनारे तक लायेंगी
थकान तो लगती है सभी को
यूँही सफ़र में
पर थककर रुकना न कभी
यूँही डगर में

Friday 15 June 2012

ज़िन्दगी कुछ अधूरी सी लगती है (Life tends to be incomplete)

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ज़िन्दगी कुछ अधूरी सी लगती है
पल पल में न जाने क्यों बहकती है

समझ नहीं आ रहा किसकी तलाश है
क्यों लगता हर समय प्यास है
अँधेरे में रौशनी की तलाश है
तो उजाले में छाया की आस है
ज़िन्दगी कुछ अधूरी सी लगती है
पल पल में न जाने क्यों बहकती है

हमेशा कुछ नया करने की सोचता हु
पर पुरानी गलियों में ही भटकता हु
ज़िन्दगी खाली खाली सी लगती है
ऐसा क्या है जिसको पाने के लिए भटकती है
ज़िन्दगी कुछ अधूरी सी लगती है
पल पल में न जाने क्यों बहकती है

मंजिल मेरे लिए नहीं है
सोचकर रास्ता बदल जाता हु
किस मंजिल को पाने की कोशिश करू
मै समझ नहीं पाता हु
ज़िन्दगी कुछ अधूरी सी लगती है
पल पल में न जाने क्यों बहकती है

उठो जागो और संघर्ष करो (Wake up and fight)

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उठो जागो और संघर्ष करो
मुश्किलों के दर्द पर तुम हर्ष करो

कंटीली है राहें बहुत
पर तुझे रुकना नहीं है
दुश्मन करेगा झुकाने की कोशिश बहुत
पर तुझे झुकना नहीं है
उठो जागो और संघर्ष करो
मुश्किलों के दर्द पर तुम हर्ष करो

भारत पहुंचे शीर्ष पर
रखो मन में केवल यही ध्येय
जो भी कठिनाई आये राहो में
कर ले तू उस पर विजय
उठो जागो और संघर्ष करो
मुश्किलों के दर्द पर तुम हर्ष करो

काम ऐसा कर की न रहे
नामोनिशान यहाँ भ्रष्टाचार का
पढ़ा दे पाठ आज तू
दुनिया को सदाचार का
उठो जागो और संघर्ष करो
मुश्किलों के दर्द पर तुम हर्ष करो

हर अन्याय का दे तू मुहतोड़ जवाब
हर एक दर्द का मांग ले हिसाब
हिम्मत से बढता रह इस राह पर
आसान होते जायेगा ये डगर
उठो जागो और संघर्ष करो
मुश्किलों के दर्द पर तुम हर्ष करो 



Wednesday 13 June 2012

कि देश आज बलिदान मांग रहा है (The country is asking for sacrifice)

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कि देश आज बलिदान मांग रहा है
रिश्वतखोरी हो रही आज हर जगह
दे रहा आज हर व्यक्ति एक दुसरे को दगा
भ्रष्टाचारियो को मिले जल्दी सजा
ऐसा अंजाम मांग रहा है
कि देश आज बलिदान मांग रहा है
चारो ओर हाहाकार मचा है
जुल्म के खिलाफ बोलना एक सजा है
न्याय मिले हर किसी को
ऐसा संविधान मांग रहा है
कि देश आज बलिदान मांग रहा है
महंगाई लोगो को तडपा रही है
कीमते आसमान छू जा रही है
मुनाफाखोरी पर लगे पूरी रोक
ऐसा कानून मांग रहा है
कि देश आज बलिदान मांग रहा है

Sunday 10 June 2012

जुनून (Passion)

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दिल में एक तूफान सा आया है
कुछ नया करने का जुनून सा छाया है

बादलो की गडगडाहट सुनाई नहीं देती
सूरज की तेज रौशनी दिखाई नहीं देती
कुछ इस कदर खो गया हु मै
की लगता पूरा जग पराया है
दिल में एक तूफान सा आया है
कुछ नया करने का जुनून सा छाया है

हर शाम सुहानी लगती है
हर रात दीवानी दिखती है
अब तो ऐसा लग रहा है मुझे
की बाते कर रही मुझसे मेरा साया है
दिल में एक तूफान सा आया है
कुछ नया करने का जुनून सा छाया है

चिडियों की चहचाहट भाती है
तो नदिया भी कल कल गाती है
जाने क्या हुआ मेरे साथ
जो इस तरह की दीवानगी लाया है
दिल में एक तूफान सा आया है
कुछ नया करने का जुनून सा छाया है
 

समय आ पंहुचा है लड़ने का (The time has come to fight)

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समय आ पंहुचा है लड़ने का
अन्यायी और अत्याचारियों से झगड़ने का

यु चुपचाप अगर हम सहते रहे
तो ये जुल्म ख़तम न होगा
यु आँखें मूंदे अगर हम बैठे रहे
तो इस सितम का अंत न होगा
समय आ पंहुचा है लड़ने का
अन्यायी और अत्याचारियों से झगड़ने का

महंगाई बहुत बढ़ा रहे है
हमें आपस में लड़ा रहे है
जाति धर्म का भेद बता रहे है
हमें नफरत सिखा रहे है
समय आ पंहुचा है लड़ने का
अन्यायी और अत्याचारियों से झगड़ने का

देश को लूटना मकसद है इनका
बेच रहे है हर एक तिनका
झूठी बातो में बहलाते है
और संसद में पहुच जाते है
समय आ पंहुचा है लड़ने का
अन्यायी और अत्याचारियों से झगड़ने का


  

Friday 8 June 2012

जाने कहा ले जाएगी ये ज़िन्दगी

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जाने कहा ले जाएगी ये ज़िन्दगी
और कितना सताएगी ये ज़िन्दगी

सूरज की तरह अपने आप में जल रहा हु मै
बर्फ की तरह तिल तिल कर पिघल रहा हु मै 
टुकडो में जी रहा हु , गिर गिर सम्हाल रहा हु मै
जाने कहा ले जाएगी ये ज़िन्दगी
और कितना रुलाएगी ये ज़िन्दगी

हर लड़ाई मै हार जाता हु
कुछ न हासिल मै कर पाता हु
अब की बार विजय ,अपने दिल को समझाता हु
जाने कहा ले जाएगी ये ज़िन्दगी
और कितना तडपायेगी ये ज़िन्दगी

सोचता हु जो उससे उल्टा हो जाता है
जो पास होता है वो भी खो जाता है
क्यों हो रहा है ये मेरे साथ मै न समझ पाता हु
जाने कहा ले जाएगी ये ज़िन्दगी
और कितना सताएगी ये ज़िन्दगी 

एक दोराहे पर खड़ा हु मै (I have been at a crossroad)

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एक दोराहे पर खड़ा हु मै
समझ नहीं आ रहा किधर जाऊ

एक रास्ता अन्याय सहने पर मजबूर करता है
तो दूसरा अन्याय के विरुध्द लड़ने पर गुरुर करता है
एक रास्ता नियति पर भरोसा करता है
तो दूसरा अपनी किस्मत खुद लिखने पर
एक दोराहे पर खड़ा हु मै
समझ नहीं आ रहा किधर जाऊ

एक रास्ता गुमनामी की तरफ ले जाता है
पर दुसरे में ज़िन्दगी का भरोसा नहीं
दुसरे रास्ते में मुश्किलें है बहुत
तो पहले में मंजिल का पता नहीं
एक दोराहे पर खड़ा हु मै
समझ नहीं आ रहा किधर जाऊ

एक रास्ता मोह में बांधे रखता है
तो दूसरा विरक्ति की ओर ले जाता है
एक रास्ता सुकून की ज़िन्दगी गुजारने वाला है
तो दूसरा हर पल नया करने वाला है
एक दोराहे पर खड़ा हु मै
समझ नहीं आ रहा किधर जाऊ

Thursday 7 June 2012

पर मै ज़िन्दगी को जीता हु

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ज़िन्दगी तो चलती तेरी भी है
पर मै ज़िन्दगी को जीता हु

दर्द मिलते है राहो पे हज़ार
पर सारे दर्द को मै पीता हु
तू अन्याय को सहता है
मै अन्याय के विरुध्द लड़ता हु
ज़िन्दगी तो चलती तेरी भी है
पर मै ज़िन्दगी को जीता हु

तू मुश्किलों से समझौता कर लेता है
मै मुश्किलों से लड़ा करता हु
तू खाने के लिए जीता है
मै जीने के लिए खाता हु
ज़िन्दगी तो चलती तेरी भी है
पर मै ज़िन्दगी को जीता हु

तू थोडा सा दुःख झेल नहीं पाता
मै हजारो दर्द सीने में दबाये खुश रहता हु
तू ऐशो आराम के लिए पैसे कमाता है
मै अपनी कमाई से जरुरत पूरी कर आनंदित रहता हु
ज़िन्दगी तो चलती तेरी भी है
पर मै ज़िन्दगी को जीता हु


Wednesday 6 June 2012

व्यवस्था परिवर्तन का समय आ गया है (The time has come to change the system)

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व्यवस्था परिवर्तन का समय आ गया है
भ्रष्टाचार पूरी तरह छा गया है

मुनाफाखोरी की बीमारी लगी सभी को
महंगाई से जनता त्रस्त हो गई तभी तो
न्याय मिलने में देरी हो रही है
राष्ट्रिय संपत्ति चोरी हो रही है
व्यवस्था परिवर्तन का समय आ गया है
भ्रष्टाचार पूरी तरह छा गया है

सडको का हाल बेहाल है
दूर दूर तक न कोई अस्पताल है
सरकार आँखे मूंदे बैठी है
चोरो का अड्डा तो पुलिस चौकी है
व्यवस्था परिवर्तन का समय आ गया है
भ्रष्टाचार पूरी तरह छा गया है

नौकरशाही सब पे भारी है
हर एक को रिश्वतखोरी की बीमारी है  
भ्रष्ट लोगो के खिलाफ जो आवाज़ उठाता है
बहुत जल्दी ही आवाज़ दबा दिया  जाता है
व्यवस्था परिवर्तन का समय आ गया है
भ्रष्टाचार पूरी तरह छा गया है

बारिश का मौसम (Rainy season)

13 comments:
बारिश  जब  आती  है 
ढेरो  खुशिया  लाती  है
प्यासी  धरती  की  प्यास  बुझाती  है
धुलो  का  उड़ना  बंद  कर  जाती  है
मिटटी  की  भीनी  सुगंध  फैलाती  है
बारिश  जब  आती  है 
ढेरो  खुशिया  लाती  है

भीषण  गर्मी  से  बचाती  है
शीतलता  हमें  दे  जाती  है
मुसलाधार  प्रहारों  से  पतझड़  को  भागाती  है
बहारो  का  मौसम  लाती  है

बारिश  जब  आती  है 
ढेरो  खुशिया  लाती  है

चारो  ओर  हरियाली  फैलाती  है
नदियों  का  पानी  बढाती  है
तालाबो  को  भर  जाती  है

बारिश  जब  आती  है 
ढेरो  खुशिया  लाती  है

बारिश  के  चलते  ही  खेती  हो  पाती  है
किसानो  के  होठो  पे  मुस्कान  ये  लाती  है
रिमझिम  फुहारों  से  सुखा  मिटाती  है

बारिश  जब  आती  है 
ढेरो  खुशिया  लाती  है

मोरो  को  नचाती  है
पहाड़ो  में   फूल  खिलाती  है
बीजो  से  नए  पौधे  उगाती  है

बारिश  जब  आती  है 
ढेरो  खुशिया  लाती  है