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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

Wednesday, 23 May 2012

माता पिता का साथ (With Parents)

माता  पिता  का  कभी  साथ  न  छोड़ना
दिल  उनका  भूलकर  भी  न  तोडना
बहुत कुछ  सहकरके तुम्हे  बड़ा  किये  है
तुम्हे  अपने  पैरो  पर  खड़ा  किये  है
तुम्हारे  खुशियों  के  अलावा  कुछ  न  चाह रखते  है
तुम्हारे  मुस्कराहट  के  सिवा  कुछ  न  मांग  करते  है
माता  पिता  का  कभी  साथ  न  छोड़ना
दिल  उनका  भूलकर  भी  न  तोडना
खुद  से पहले  तुम्हे  खिलाते थे
जब  तुम  रोते  थे  तो  खुद  बच्चे  बन  जाते  थे
खुद  जागकर  तुम्हे  सुलाते  थे
घुटनों  में  बैठ  के  तुम्हे  चलना  सिखाते  थे
माता  पिता  का  कभी  साथ  न  छोड़ना
दिल  उनका  भूलकर  भी  न  तोडना
शिक्षक  बन  तुम्हे  पढाया
दर्द  सहते  हुए  भी  तुम्हे  हसाया
तुम  इस  ओहदे  पर  पहुचे  हो
तुम्हे  इस  काबिल  बनाया
माता  पिता  का  कभी  साथ  न  छोड़ना
दिल  उनका  भूलकर  भी  न  तोडना

Tuesday, 22 May 2012

युवा(Youth)

देश की  मुख्य  स्तम्भ  है  युवा
क्रांति  के  अग्रदूत  है  युवा
देश  को  अगर  भ्रष्टाचार  से  मुक्ति  दिलाना  है
तो  इसके  लिए  युवाओ  को  आगे  आना है
ये  युवा  ही  नए  भारत  को  गड़ेंगे
जब  ये  मिलकर  एक  साथ  गरजेंगे
मेरे  नज़र  में  हर  वो  शख्स  युवा  है
जिनके  तन  तो  नहीं  विचार  जवा है
हे  युवाओ  मत  करो  बर्बाद  अपनी  जवानी
देश  की  खातिर  दो  तुम  क़ुरबानी
हर  अन्याय  का  तुम  मुहतोड़  जवाब  दो
हर  अत्याचारी  से  तुम  हिसाब  लो
मत  करना  अपना  जीवन  कलंकित
कमजोरो  को  न  करना  आतंकित
हर  शख्स  को  मिले  न्याय  ऐसी  व्यवस्था  तुम  करो
भ्रष्टाचारियो  और  अन्यायी  से  तुम  न  डरो
अपने  कर्मो  से  लिखो  ऐसा  गीत
हो  जाये  पूरा  भारत  समृध्द

Monday, 21 May 2012

पर्यावरण (Environment)

पर्यावरण को बचाना हमारा ध्येय हो
सबके पास इसके लिए समय हो
पर्यावरण अगर नहीं रहेगा सुरक्षित
हो जायेगा सबकुछ दूषित
भले ही आप पेड़ लगाये एक
पूरी तरह करे उसकी देखरेख
सौर उर्जा का करे सब उपयोग
कम करे ताप विद्युत् का उपभोग
रासायनिक खाद का कम करे छिडकाव
भूमि को प्रदूषित होने से बचाव
कचड़ो का समुचित रीती से करो निपटारा
फिर न होगी कोई नदी प्रदुषण का मारा
फैक्ट्रियो में जब सौर यन्त्र लगाई जाएँगी
वायु प्रदुषण में अपने आप कमी आएँगी
तब जाकर पर्यावरण प्रदुषण में कमी आएँगी
आधी बीमारिया अपने आप चली जाएगी 

मेरा बचपन (My Childhood)

देखता हु जब बच्चो का लड़कपन 
याद आता है मुझे मेरा बचपन
 
सोचता हु फिर से बच्चा बन जाऊ
धमा चौकड़ी फिर से मचाऊ
तोतली जबान से पापा पापा चिल्लाऊ
पर वो जादू की छड़ी कहा से लाऊ
जिससे फिर से बच्चा बन जाऊ

देखता हु जब बच्चो का लड़कपन 
याद आता है मुझे मेरा बचपन

मुझे बहुत याद आता है वो समय
जब दिनभर खेलता था दोस्तों के साथ होकर निर्भय
माँ के डाटने पर घर चला जाता था
खाना खाकर जल्दी सो जाता था

देखता हु जब बच्चो का लड़कपन 
याद आता है मुझे मेरा बचपन

भाइयो के साथ झगडा मचाता था
पापा के आने पर शांत हो जाता था
पहिये दौड़ाकर मै खेला करता था
पेड़ो की पतली  टहनियों पर चढ़ा करता था

देखता हु जब बच्चो का लड़कपन
याद आता है मुझे मेरा बचपन

खिलौनों के लिए जिद किया करता था
जब मै मेलो में घुमा करता था
घुमने भैया के कंधो में बैठकर जाया करता था
मिठाईया और गुब्बारे लिवाया करता था

देखता हु जब बच्चो का लड़कपन 
याद आता है मुझे मेरा बचपन  

Sunday, 20 May 2012

मजदुर की अभिलाषा (wish of worker)

मै मजदुर कुछ इस तरह जीना चाह रहा हु
मेहनत के बदले दो वक़्त की रोटी पाना
पढ़ा लिखाकर अपने बच्चो को
ऊँचे पदों पर पहुचाना चाह रहा हु
मै मजदुर कुछ इस तरह जीना चाह रहा हु
बंगले गाड़ी का शौक नहीं
एक छोटी सी कुटिया और
परिवार के साथ जीना चाह रहा हु
मै मजदुर कुछ इस तरह जीना चाह रहा हु
देश की उन्नति
राज्य की प्रगति
और गाँव की समृध्दी चाह रहा हु
मै मजदुर कुछ इस तरह जीना चाह रहा हु
न हो भारत में कोई निर्धन
न हो किसी की भुखमरी से मौत
न हो कोई बेरोजगारी चाह रहा हु
मै मजदुर कुछ इस तरह जीना चाह रहा हु

Saturday, 19 May 2012

फरियाद (Request)

हे प्रभु हम किसानो की फरियाद सुनो
थोड़ी सहूलियत हमें भी तो दो
बेमौसम  बारिश कराते हो
हम किसानो को कितना रुलाते हो
अनाज उगाने के लिए सारी मेहनत हमसे कराते हो
फायदा मुनाफाखोरो और बिचौलिए का कराते हो
कुछ ऐसी व्यवस्था बनाओ 
सस्ते दामो में बीज और खाद उपलब्ध कराओ
सिंचाई के लिए न हो हम परेशान
ज़िन्दगी करो थोड़ी हमारी आसान

हिम्मत न हार (Don't Give Up)

हिम्मत न हार , बन्दे  हिम्मत न हार
बाधाओं पर कर प्रहार , कर प्रहार
अब न सह ये अत्याचार , ये अत्याचार
पापियों का कर संहार , कर संहार
हिम्मत न हार, बन्दे हिम्मत न हार
अभी तो ये है मजधार , मजधार
जाना है तुझे उस पार, उस पार
जल्दी चला तू अपनी पतवार ,पतवार
हिम्मत न हार , बन्दे हिम्मत न हार
करना है तुझे सपने साकार , कर साकार
मत होने दे अपनी ज़िन्दगी बेकार ,बेकार
कर ऐसा काम की हो तेरा आदर सत्कार, आदर सत्कार
हिम्मत न हार , बन्दे हिम्मत न हार

Friday, 18 May 2012

मंजिल (Destination)

हौसला रख वो समय भी आएगा
जब तू अपनी जीत का परचम लहराएगा
हर बुराई तुझसे हार जायेगा
हर अच्छाई तुझसे जुड़ता चला जायेगा
वैसे तो रास्ते में बाधाएं आएँगी बहुत
लेकिन तेरे धीरज से वो दूर होते चले जायेगा
रुकना न तू कभी हार के
बाधाओं को फेंक दे उखाड़ के
मेहनत कर तू लगन से
पर्वत को भी तू मैदान कर जायेगा
मंजिल अभी दूर है मगर बढते चल
आज नहीं तो कल मिल ही जायेगा

Thursday, 17 May 2012

मेरी कविता(My Poem)

ज़िन्दगी में एक लहर सी उठी है
कुछ नया करने का मन में ठनी है
कविता लिखने का ख्याल मन में आया है
पर दिमाग में हर तरफ अँधेरा छाया है
सोच रहा हु क्या लिखू ?
अपने या देश के बारे में कुछ कहू ?
देश हमेशा ही मुझसे बड़ा है
मन में बहुत से सवाल खड़ा है
महंगाई से जनता हो गई है त्रस्त
नेता और प्रशासन हो गए है पस्त
भ्रष्टाचार चारो ओर फैला है
हो रहा भारत माँ का आंचल मैला है
एक तरफ बेरोजगारी लोगो की जान ले रही है
दूसरी तरफ नेताओ और अफसरों के घर भंडार भरी पड़ी है
किसान कड़ी मेहनत के बाद जो कमाता है
मुनाफाखोर उससे दुगुना ले जाता है
मजदुर अपनी मजदूरी बढाने  के लिए रो रहा है
क्योकि थोड़ी से पैसो से खर्च पूरा नहीं हो रहा है
लेकिन मालिक तो मज़े से सो रहा है

सपनो का भारत (India Of Dream)

खून का हर एक कतरा वतन के नाम हम करेंगे
अपनी जवानी को बदनाम न हम करेंगे
वतन के लिए ही जियेंगे और वतन के लिए ही मरेंगे
जो वतन की राह में आया उसे मिटा दिया हम करेंगे
भ्रष्टाचार मुक्त वतन का निर्माण हम करेंगे
सबको न्याय मिले ऐसी व्यवस्था हम करेंगे
बेरोजगारी में न फिर कोई दिन गुजरेगा
सब हाथो को मिले रोजगार ऐसी व्यवस्था हम रखेंगे
महंगाई को हम न बढने देंगे
किसी किसान को न आत्महत्या करने देंगे
भय और आतंक को न हम बढने देंगे
ऐसी सुरक्षित भारत का निर्माण हम करेंगे  

Wednesday, 16 May 2012

भ्रष्ट नेता और अफसर (Corrupt politician and Officer )

भ्रष्ट नेता  और  अफसरों  ने  सड़को का  ऐसा  किया  है  काम
बड़े  बड़े  गड्डे रहते  है  इसमें  और  लगा  रहता  है  जाम
बिना  काम  किये  पाए  ये  इनाम
जो  इनके  खिलाफ  बोले  करते  ये  उसे  बदनाम
भ्रष्ट  अफसरों  और  नेताओ  पर  अगर  कसी जाये  लगाम
पूरे  भारत  से  हो  जाये  भ्रष्टाचार  का  काम  तमाम
कोई  न  कर्मचारी  फिर  रहेगा  बेलगाम
समय  से  पूरे  होंगे  सारे  काम
पुकारे भारत  का  हर  एक  अवाम
भ्रष्टाचार  का  न  रहे  नामो निशान

Monday, 14 May 2012

बारिश (Rain)

आसमान पर छाई है काली घटाएँ
सूरज भी जा छुपा है बादलों के साये 

तेज बहती पवन और पत्तों की सरसराहट 
लगती है ऐसे जैसे हो तूफ़ान की आहट

चकाचौंध रौशनी सी बिजली की चमक 
बादलों की गडगडाहट और बूंदों की धमक 

पहली बारिस की बुँदे मिट्टी की सौंधी महक 
सुखी तरसती धरती उठी है चहक 

कभी रिमझिम फुहार तो कभी मूसलाधार 
कभी थम के बरसता है तो कभी लगातार 

आवारा हवा (Strolling Air)

मै एक आवारा हवा
नहीं मुझे किसी की परवाह 
उड़ता फिरता हू मै हर कहीं 
कभी बादलों के ऊपर
तो कभी पेडों की छाँव तले
कभी समुन्दर के लहरों से खेलता हू 
तो कभी पर्वतों को धकेलता हू 
कभी नदियों के संग बहता हू 
तो कभी पंक्षियों के संग उड़ता हू 
बर्फीली चादर को छू ठिठुरता हू 
लू के थपेडों से जलता हू 
कभी किसी के आंसुओ के संग गिरता हू 
तो कभी मुस्कुराते लबो को छूता हू 
कभी नावों में बैठ झीलों कि सैर करता हू 
कभी किसी पेड़ से बैर करता हू 
मै एक आवारा हवा 
नहीं मुझे किसी की परवाह