एक दोराहे पर खड़ा हु मै
समझ नहीं आ रहा किधर जाऊ
एक रास्ता अन्याय सहने पर मजबूर करता है
तो दूसरा अन्याय के विरुध्द लड़ने पर गुरुर करता है
एक रास्ता नियति पर भरोसा करता है
तो दूसरा अपनी किस्मत खुद लिखने पर
एक दोराहे पर खड़ा हु मै
समझ नहीं आ रहा किधर जाऊ
एक रास्ता गुमनामी की तरफ ले जाता है
पर दुसरे में ज़िन्दगी का भरोसा नहीं
दुसरे रास्ते में मुश्किलें है बहुत
तो पहले में मंजिल का पता नहीं
एक दोराहे पर खड़ा हु मै
समझ नहीं आ रहा किधर जाऊ
एक रास्ता मोह में बांधे रखता है
तो दूसरा विरक्ति की ओर ले जाता है
एक रास्ता सुकून की ज़िन्दगी गुजारने वाला है
तो दूसरा हर पल नया करने वाला है
एक दोराहे पर खड़ा हु मै
समझ नहीं आ रहा किधर जाऊ
समझ नहीं आ रहा किधर जाऊ
एक रास्ता अन्याय सहने पर मजबूर करता है
तो दूसरा अन्याय के विरुध्द लड़ने पर गुरुर करता है
एक रास्ता नियति पर भरोसा करता है
तो दूसरा अपनी किस्मत खुद लिखने पर
एक दोराहे पर खड़ा हु मै
समझ नहीं आ रहा किधर जाऊ
एक रास्ता गुमनामी की तरफ ले जाता है
पर दुसरे में ज़िन्दगी का भरोसा नहीं
दुसरे रास्ते में मुश्किलें है बहुत
तो पहले में मंजिल का पता नहीं
एक दोराहे पर खड़ा हु मै
समझ नहीं आ रहा किधर जाऊ
एक रास्ता मोह में बांधे रखता है
तो दूसरा विरक्ति की ओर ले जाता है
एक रास्ता सुकून की ज़िन्दगी गुजारने वाला है
तो दूसरा हर पल नया करने वाला है
एक दोराहे पर खड़ा हु मै
समझ नहीं आ रहा किधर जाऊ
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