कांच के जैसे सीने से
तुम मंजिल कैसे पाओगे
पत्थर सा सीना कर
तुम हर हाल में जीत जाओगे
कायरो सा जीना नहीं
अन्याय को मत सहनकर
लड़ते हुए गई जान अगर
तो शहीद तुम कहलाओगे
रखेंगे लोग याद तुझे
अमर तुम बन जाओगे
उठा हथियार अपनी
दुश्मनों का सर कलमकर
जीत गए तुम अगर
तो वीर तुम कहलाओगे
होगी चारो ओर तुम्हारी बाते
तुम प्रसिध्दि पाओगे
तुम मंजिल कैसे पाओगे
पत्थर सा सीना कर
तुम हर हाल में जीत जाओगे
कायरो सा जीना नहीं
अन्याय को मत सहनकर
लड़ते हुए गई जान अगर
तो शहीद तुम कहलाओगे
रखेंगे लोग याद तुझे
अमर तुम बन जाओगे
उठा हथियार अपनी
दुश्मनों का सर कलमकर
जीत गए तुम अगर
तो वीर तुम कहलाओगे
होगी चारो ओर तुम्हारी बाते
तुम प्रसिध्दि पाओगे
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