एक चिंगारी उठी है कहीं पे
फैलना चाह रही है बनके आग
मिटाने आयी है दुश्मनों को
कर देगी उनको सुपुर्देखाक
अभी तो उठ रहा है केवल धुआँ
लपटे निकलना तो अभी बाकी है
घासों से निकल रहा है ये धुआँ
सिंहासनो का जलना अभी बाकी है
बरसो बाद उठी है ये चिंगारी
लेके कई बलिदान
बड़ा भयंकर लगेगी आग
लेके जायेगी कइयो कि जान
फैलना चाह रही है बनके आग
मिटाने आयी है दुश्मनों को
कर देगी उनको सुपुर्देखाक
अभी तो उठ रहा है केवल धुआँ
लपटे निकलना तो अभी बाकी है
घासों से निकल रहा है ये धुआँ
सिंहासनो का जलना अभी बाकी है
बरसो बाद उठी है ये चिंगारी
लेके कई बलिदान
बड़ा भयंकर लगेगी आग
लेके जायेगी कइयो कि जान