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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

Tuesday, 3 July 2012

नेताजी (Politician)

नेताजी है बड़े चतुर
चुनाव लड़ने रहते आतुर
लोगो को झूठे वादों में फसाते है
चुनाव जीतने के बाद सब भूल जाते है
भोलीभाली जनता को बेवकूफ बनाते है
झोलियाँ अपनी भरते जाते है
केवल चुनाव के समय ही दीखते है
बाकी समय तो विदेश में फिरते है
उज्जवल कपड़ो में हमेशा रहते है
करम उतने ही बुरे करते है
भ्रष्टाचार इनके लिए आम बात है
अय्याशी में गुजरती हर रात है
पाल के रखते है ये गुंडे
एक नहीं कई मुस्टंडे
जो बोले इनके खिलाफ
बंद कर देते उसकी आवाज़ 

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