ना दान चाहिए, ना भीख चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
लोकतंत्र बना आज लूटतंत्र
फूंका हो जैसे किसी ने मन्त्र
रिश्वत का हो गया एक यंत्र
भ्रष्टाचार मुक्त भारत चाहिए
ना दान चाहिए, ना भीख चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
न्याय के लिए भटकती प्रजा
बेगुनाहों को मिल रही सजा
कोई तो बताये हमारी खता
हमें न्याय का अधिकार चाहिए
ना दान चाहिए, ना भीख चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
जर्जर सड़क देख दुखता है मन
सालों से अधूरा पाठशाला भवन
पानी बिजली नहीं पहुंची जन जन
हर गांव में हमें विकास चाहिए
ना दान चाहिए, ना भीख चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
लोकतंत्र बना आज लूटतंत्र
फूंका हो जैसे किसी ने मन्त्र
रिश्वत का हो गया एक यंत्र
भ्रष्टाचार मुक्त भारत चाहिए
ना दान चाहिए, ना भीख चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
न्याय के लिए भटकती प्रजा
बेगुनाहों को मिल रही सजा
कोई तो बताये हमारी खता
हमें न्याय का अधिकार चाहिए
ना दान चाहिए, ना भीख चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
जर्जर सड़क देख दुखता है मन
सालों से अधूरा पाठशाला भवन
पानी बिजली नहीं पहुंची जन जन
हर गांव में हमें विकास चाहिए
ना दान चाहिए, ना भीख चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
आपने एकदम सही महसूस किया। लोकतंत्र अब भ्रष्टाचार तंत्र बन गया है।
ReplyDeleteकेवल महसूस ही नहीं अब तो हम व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई भी लड़ रहे है और एक दिन हमें अपने सपनों का भारत मिलेगा ! हमें वास्तविक स्वराज मिलेगा ! आपके लिए एक बात बोलना चाहूँगा आप भी एक बार अरविन्द केजरीवाल जी द्वारा लिखी स्वराज किताब पढ़िए !
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