देखो घोर कलयुग है आया
बड़ी गजब है इसकी माया
दौलत को भगवान बनाया
बिन दौलत अपने भी पराया
दौलत से चलती सरकार
जनता की होती तिरस्कार
मंत्री करता जितना बड़ा भ्रष्टाचार
मिलता उसको उतना बड़ा पुरस्कार
चोर संग पुलिस खाए मलाई
रिपोर्ट दर्ज कराने वाले की होती पिटाई
जेल के अंदर वो है जाता
जो जनता में अलख जगाता
जनसेवकों को मिली रिश्वत की खुली छूट
हरकोई जनता को रहा लुट
बेईमानों का होता सम्मान
ईमानदार सहते अपमान
बड़ी गजब है इसकी माया
दौलत को भगवान बनाया
बिन दौलत अपने भी पराया
दौलत से चलती सरकार
जनता की होती तिरस्कार
मंत्री करता जितना बड़ा भ्रष्टाचार
मिलता उसको उतना बड़ा पुरस्कार
चोर संग पुलिस खाए मलाई
रिपोर्ट दर्ज कराने वाले की होती पिटाई
जेल के अंदर वो है जाता
जो जनता में अलख जगाता
जनसेवकों को मिली रिश्वत की खुली छूट
हरकोई जनता को रहा लुट
बेईमानों का होता सम्मान
ईमानदार सहते अपमान
very nice poem ............!
ReplyDeletethank you
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