काँप रही दीवारे आज जयघोषो के नारों से
निकली है भीड़ आज लड़ने कुछ गद्दारों से
तिरंगा लिए हाथ, टोलियाँ बनाकर
भगत सिंह और सुभाष को दिल में बसाकर
नया भारत बनाने का सपना सजाकर
निकले है बनाने नया इतिहास अपने बलिदानों से
काँप रही दीवारे आज जयघोषो के नारों से
निकली है भीड़ आज लड़ने कुछ गद्दारों से
जनता के कदमो कि आहट सुन कानो से
थर्राता है अब तो दिल सत्ता के दलालो का
समय राह देखता था ऐसे अफसानों का
सिंहासन जब हिलने लगेगी जनता के दहाडो से
काँप रही दीवारे आज जयघोषो के नारों से
निकली है भीड़ आज लड़ने कुछ गद्दारों से
लहू का हर एक कतरा पुकारता है भारत माता कि जय
बढ़े जा रहे है सभी होकर निर्भय
मन में है बस एक ही बात, करनी है दुश्मनों पर विजय
गूंजती है आवाजे आज पहाड़ों से
काँप रही दीवारे आज जयघोषो के नारों से
निकली है भीड़ आज लड़ने कुछ गद्दारों से
निकली है भीड़ आज लड़ने कुछ गद्दारों से
तिरंगा लिए हाथ, टोलियाँ बनाकर
भगत सिंह और सुभाष को दिल में बसाकर
नया भारत बनाने का सपना सजाकर
निकले है बनाने नया इतिहास अपने बलिदानों से
काँप रही दीवारे आज जयघोषो के नारों से
निकली है भीड़ आज लड़ने कुछ गद्दारों से
जनता के कदमो कि आहट सुन कानो से
थर्राता है अब तो दिल सत्ता के दलालो का
समय राह देखता था ऐसे अफसानों का
सिंहासन जब हिलने लगेगी जनता के दहाडो से
काँप रही दीवारे आज जयघोषो के नारों से
निकली है भीड़ आज लड़ने कुछ गद्दारों से
लहू का हर एक कतरा पुकारता है भारत माता कि जय
बढ़े जा रहे है सभी होकर निर्भय
मन में है बस एक ही बात, करनी है दुश्मनों पर विजय
गूंजती है आवाजे आज पहाड़ों से
काँप रही दीवारे आज जयघोषो के नारों से
निकली है भीड़ आज लड़ने कुछ गद्दारों से
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