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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

Friday, 29 June 2012

एक ख्वाब को पूरा करने के लिए जी रहा हू (Only living to fulfill a dream)

एक ख्वाब को पूरा करने के लिए जी रहा हू
ज़हर जिंदगी का मै किश्तों में पी रहा हू

ख्वाब है एक नया भारत बनाने का
अपनी सोच को आजमाने का
मै चाहता हू एक ऐसा देश
जहा हो अति सुन्दर परिवेश

एक ख्वाब को पूरा करने के लिए जी रहा हू
ज़हर जिंदगी का मै किश्तों में पी रहा हू

मिलकर रहे सभी धरम
अच्छे हो सबके करम
गरीबी और भुखमरी का न हो नामोनिशान
जिंदगी चले सबकी आसान

एक ख्वाब को पूरा करने के लिए जी रहा हू
ज़हर जिंदगी का मै किश्तों में पी रहा हू

राजनितिक हो विशुद्ध
देश की प्रगति हो उनका कर्मयुद्ध
जनता हो सर्वोपरि
काश हो जाए ऐसी जादूगरी

एक ख्वाब को पूरा करने के लिए जी रहा हू
ज़हर जिंदगी का मै किश्तों में पी रहा हू




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