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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

Tuesday, 29 May 2012

यादें (Memories)

कुछ पल बहुत याद आते है 
जो हमको तड़पा जाते है 
अपनी यादे  ताजा कर जाता हु 
आपको एक दास्ताँ सुनाता हु 
बात उस समय की है जब मै स्कुल जाया करता था 
तालाबो में मज़े से नहाया करता था 
दोस्तों में मेरा एक दोस्त था मुन्ना 
रहता था हरदम चौकन्ना 
हमेशा हसी मजाक किया करता था 
ज़िन्दगी को भरपूर जिया करता था 
लेकिन वक़्त ने ऐसी पलटी खाई 
उसने मौत को गले लगाई
जाने वो क्या कर गया 
हम दोस्तों के सीने में दर्द भर गया 
वो हमें आज भी याद आता है 
आँखों में आंसू दे जाता है 
कुछ पल बहुत याद आते है 
जो हमको तड़पा जाते है

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