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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

Friday, 25 May 2012

रुकना नहीं (Don't Stop)

तेरी हर वार को हथियार बना तुझपे ही उलटवार करूँगा
कोई  मेरे वतन से  खिलवाड़ करे नागवार करूँगा
न मै कोई जुल्म सहूंगा न ही सहने दूंगा 
हर जुल्म और अत्याचार का मुहतोड़ जवाब मै दूंगा
सर पे कफ़न  बांध जो निकला हु घर से
बिना मंजिल  पे पहुचे न आराम करूँगा
जो कोई भी  मेरा  रास्ता  रोकेगा 
उसका जीना मै हराम करूँगा    
तेरी हर वार को हथियार बना तुझपे ही उलटवार करूँगा
कोई   मेरे  वतन  से खिलवाड़  करे  नागवार   करूँगा
मुझे पता है राह में मुश्किलें आएँगी बहुत
पर हर मुश्किलों पे अपनी जीत का परचम लहराऊंगा
हार न मानूंगा इन मुश्किलों से मै कभी
और दुनिया को मुश्किलों  से जीतना सिखलाऊंगा
तेरी हर वार को हथियार बना तुझपे ही उलटवार करूँगा
कोई मेरे  वतन से खिलवाड़  करे नागवार करूँगा

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