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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

Monday, 21 May 2012

मेरा बचपन (My Childhood)

देखता हु जब बच्चो का लड़कपन 
याद आता है मुझे मेरा बचपन
 
सोचता हु फिर से बच्चा बन जाऊ
धमा चौकड़ी फिर से मचाऊ
तोतली जबान से पापा पापा चिल्लाऊ
पर वो जादू की छड़ी कहा से लाऊ
जिससे फिर से बच्चा बन जाऊ

देखता हु जब बच्चो का लड़कपन 
याद आता है मुझे मेरा बचपन

मुझे बहुत याद आता है वो समय
जब दिनभर खेलता था दोस्तों के साथ होकर निर्भय
माँ के डाटने पर घर चला जाता था
खाना खाकर जल्दी सो जाता था

देखता हु जब बच्चो का लड़कपन 
याद आता है मुझे मेरा बचपन

भाइयो के साथ झगडा मचाता था
पापा के आने पर शांत हो जाता था
पहिये दौड़ाकर मै खेला करता था
पेड़ो की पतली  टहनियों पर चढ़ा करता था

देखता हु जब बच्चो का लड़कपन
याद आता है मुझे मेरा बचपन

खिलौनों के लिए जिद किया करता था
जब मै मेलो में घुमा करता था
घुमने भैया के कंधो में बैठकर जाया करता था
मिठाईया और गुब्बारे लिवाया करता था

देखता हु जब बच्चो का लड़कपन 
याद आता है मुझे मेरा बचपन  

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